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Some Debit and Credit

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 Some Debit  and Credit कुछ लेन-देन में कुछ खाते हमेशा Debit और Credit होते है - माल उधार बेचो या नकद, Sales Account हमेशा Credit  होता है। माल उधार खरीदो या नकद, Purchase Account  सदैव Debit  किया जाता है। सम्पत्तियों को खरीदते समय हर समय सम्पत्ति खाता ही Debit किया जाता है, न कि Purchase Account  Cash आये तो Cash a/c को Debit और Cash जाये तो Cash a/c को सदैव Credit किया जाता है।  Cash Discount की प्रविष्टि Journal(Voucher)  में की जाती है।  व्यापारिक बट्टे की Journal(Voucher) में कोई प्रविष्टि नहीं होती  बट्टे की रकम घटाकर शुद्ध रकम से ही जमा खर्च किया जाता है।  Capital Account व Drawing Account मालिक के ही Account  होते हैं। अत: ये दोनों (Personal Account )व्यक्तिगत खाते माने जाते है।  Purchase Account  हमेशा Credit होता है निम्‍न स्थिति में -1) माल दान में देने पर (Goods given as charity) 2) माल के जल जाने पर (Goods lost by fire) 3) माल चोरी जाने पर (Goods lost by theft) 4) माल घर ले जाने पर (G...

Banking Related Transactions

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Banking Related Transactions वर्तमान युग में बैंकों का महत्त्व अत्यन्त बढ़ गया है । चाहे उद्योग हो या व्यापार , बैंकों के बिना इनका Work संचारु रूप से नहीं चल सकता । वर्तमान में बैंक और व्यापारियों के मध्य अटूट सम्बन्ध बन गये है। आधुनिक बैंकें उद्योग , व्यापार आदि के सभी कार्यों हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं , जिससे देश की औद्योगिक एवं आर्थिक उन्नति होती है ।  बैंक और व्यापारियों के मध्य होने वाले व्यवहारों को ही बैंक सम्बन्धी व्यवहार कहते हैं । बैंक सम्बधी व्यवहारों का लेखा उसी प्रकार से किया जाता है , जैसे अन्य व्यवहारों का , फिर भी बैंक सम्बन्धी व्यवहारों का लेखा करते समय कछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है । व्यापारी आमतौर पर चालू खाता ( Current Account ) खोलता है और उससे सम्बन्धित सभी व्यवहार उसी बैंक खाते में लिखता है । चूंकि बैंक विभिन्न खाते खोलता है इसलिये प्रत्येक प्रकार के खाते के नाम के साथ बैंक शब्द लिखा जाता है । जैसे — चालू खाता देना बैंक के साथ (Current Account with Dena Bank बैंक का खाता एक व्यक्तिगत खाता होता है इसलिए इसमें लेखा करते समय व्यक्त...

Capital and Special Entry Transaction

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Capital and Special Entry Transaction   1. Capital of Partners (साझेदारी की पूंजी) :-  जब दो या दो अधकि व्यक्तियों का समूह मिलकर व्यापार में अपनी पूंजी लगाता है तो Partners के Capital Account  अलग-अलग Open किए जाते है तथा उनके द्वारा Business में लगाई गई  Capital  उनके Capital Account में  Credit (क्रिएट)  करते हुए  Cash Account (रोकड़ खाता)  कुछ धनराशि से Debit (डेबिट) किया जाता है   A)   जैसे Ram, Shyam और Rohit  ने क्रमशः 10,000 20,000 तथा 30,000 पूंजी लगाकर व्यापार प्रारंभ किया। इस Transaction की जर्नल इंट्री इस प्रकार होगी- B) Ram Singh ने 40000 रू0 नकद पूंजी से व्‍यापार आरंभ किया। इस Transaction की जर्नल इंट्री इस प्रकार होगी- 1. निजी उपयोग हेतु माल या नकद  निकालना :- जब कभी व्यापारी को निजी या के लिए रकम या माल की आवश्यकता होती है वह व्यापार से ले लेता है इसका हिसाब रखने के लिए एक खाता खोला जाता है जिसे आहरण खाता कहते हैं निजी व्‍यय के लिए निकाली गई राशि से इस खाते को डेबिट किया ...

Discount & Compound Entries and Other Entries

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IMPORTANT JOURNAL ENTRIES (1) बट्टा, कटौती या छूट (Discount)- किसी व्यापारी से जितनी रकम लेनी है और उससे कम रकम लेना  स्वीकार कर लिया जाये, तो जितनी रकम कम ली जाती है उसे छूट कहते हैं। यह देय छूट व्यापार में हानि होती है। इसी प्रकार से अगर किसी को एक निश्चित रकम देनी है और उसे कुछ कम रकम दी जाए तो यह शेष बची रकम छुट कहलायेगी । यह प्राप्त छूट व्यापार में लाभ होती है । इस छूट को बट्टा या कटौती भी कहते हैं। बट्टा दो प्रकार का होता है- Discount & Compound Entries and Other Entries (i) व्यापारिक बट्टा (Trade Discount)  (ii) नकद बट्टा (Cash Discount) । (1) व्यापारिक बट्टा (Trade Discount) - व्यापारिक छूट उत्पादकों अथवा थोक व्यापारियों द्वारा  अपने फुटकर व्यापारी ग्राहकों को उनकी मूल्य सूचियों में छपे हुए मूल्य पर दी जाती है जिससे फुटकर व्यापारी छपे हुए मूल्य पर माल बेच सके । यह छूट प्रायः प्रतिशत के रूप में दी जाती है । यह छूट प्रायः उन वस्तुओं पर ही सम्भव है जिन्हें दुकानदार को छपे हुए मूल्य पर ही बेचना होता है, जैसे—पुस्तकों, दवाइयों, बल्बों आदि पर। व्...

Terminology of Accounting

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Terminology of Accounting Accounting की Terminology निम्‍नानुसार है - Business:- लाभ कमाने की भावना से किया जाने वाला प्रत्‍येक वैध उद्यम व्‍यवसाय कहलाता है। जिसमें वस्‍तुओं का क्रय विक्रय, यातायात , बैंक , बीमा भण्‍डारण, खनिज, उद्योग आदि आर्थिक कारोबार शामिल है। Capital:- उस धनराशि अथवा सम्‍पत्तियों को पूंजी कहा जाता है जिसे व्‍यवसाय का स्‍वामी लाभ कमाने के लिए व्‍यवास में लगाता है। Transaction:- व्‍यवसाय में दो पक्षों के बीच माल, मुद्रा अथवा सेवा के पारस्‍परिक आदान प्रदान या किसी भी ऐसी घटना जिसका मुद्रा में मापनीय आर्थिक प्रभाव से हो तो उस व्‍यवहार को सौदा कहा जाता है। a) Cash Transaction: यदि व्‍यवहार नकद अथवा तत्‍काल बैंक भुगतान के माध्‍यम से किया जाता है तो उसे नकद व्‍यवहार कहते हैं। जैसे मदन ने 400 रूपये का माल, खरीदा और तुरन्‍त रूपये नकदी चुका दिए। b) Credit Transaction: जिन सौदों का भुगतान तुरन्‍त नहीं किया जाकर कुछ समय पश्‍चात करने की व्‍यवस्‍था हो तो ऐसे व्‍यवहार उधार या साख व्‍यवहार कहलाते हैं। जैसे मोहन ने 800 रूपये का माल बेचा किन्‍तु राशि दो महिने बाद ...

Account Types of accunt and Rules of Accounting

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 Account, Types of Account and Rules of Dr and Cr Account:- किसी विशेष व्‍यक्ति, वस्‍तु या आय व्‍यय से संबंधित जितने भी लेन देन होते है उनको जब किसी एक स्‍थान पर तिथिवार व नियमित रूप से लिखा जाता है तब उस हिसाब को Account कहते है  जैसे Ram's Account, Machinery Account, Cash Account Types of account किसी भी व्‍यवहार को जमा या नामे में विभाजित करने के पूर्व खातों का वर्गीकरण आवश्‍यक है। Personal Accounts Real Accounts Nominal Accounts Personal Accounts:- जो खाते व्‍यक्ति, फर्म संस्‍था या कम्‍पनी, शासन या उसके विभाग से संबंधित होते है Personal Account के अंतर्गत आते है। जैसे-  कृष्‍ण, राम, पंजाब नेशनल बैंक , टाटा ब्रदर्स, ग्राम पंचायत , दुग्‍ध सहकारी समिति आदि। Real Accounts:- यह वह खाते होते है जो किसी वस्‍तु या सम्‍पत्ति से संबंधित होते है इस तरह के खाते वस्‍तु की उपलब्‍धता काे प्रदर्शित करते है जैसे रोकड खाता फर्नीचर खाता मशीन खाता भवन खाता माल खाता क्रय विक्रय वापिसी खाता Nominal Accounts:- यह वह खाते होते है जिनका संबंध आय-व्‍यय लाभ या हानि ...

Financial Statement and Financial Statement Analysis

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Financial Statement Financial Statement and Financial Statement Analysis:- Financial Statement से आशय उन Statement से है जो एक निश्चित अवधि का व्‍यापारिक परिणाम बताने तथा एक निश्‍चित तिथि को व्‍यापार की आर्थिक स्थिति को स्‍पष्‍ट करने हेतु बनाए जाते हैं। इन्‍हें Final Account भी कहते है । इन्‍हें Final a/c कहा जाता है क्‍योंकि  ये साल के अंत में ही बनाए जाते है और इन खातों के बनाने के बाद अन्‍य कोई लेखा नहीं किया जाता। इसके बाद नया वर्ष प्रारंभ हो जाता है। Financial Statement शब्‍द में दो आधारभूत Statement Include होते है, जो निम्‍नलिखित है - (A) Trading and Profit and Loss Account (व्‍यापार एवं लाभ हानि खाता) (B) Balance Sheet (चिट्ठा तैयार किया जाता है)  Financial Statement साप्‍ताहिक , मासिक या त्रैमासिक तैयार नहीं किये जाते अपितु Financial Year के End में ही तैयार किये जाते है।  Importance and Purpose of Preparing of Financial Statement:- A) Business का लाभ या हानि ज्ञात करना। B) Business की आर्थिक स्थिति की जानकारी प्राप्‍त करना अर्थात व्‍यापार क...

Basic Concept of Accounting in hindi

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Basic Concept of Accounting Basic Concept of Accounting:- व्यापार चाहे छोट हो या बडा, प्रत्येक व्यापार एवं व्यापारी का उददेश्य लाभ कमाना होता है। व्यवसाय में लाभ हो रहा है या हानि इसका निर्धारण Financial Statement के द्वारा ज्ञात किया जाता है।  Financial Statement में Profit and Loss Account  एवं Balance Sheet को Include िकया जाता है। Profit and Loss Account िवभिन्न व्यावसायिक क्रियाओं से वर्ष के अंत में होने वाले Net Profit and Net Loss को Show करता है। Balance Sheet व्यवसाय की Financial Condition को Assets and Liabilities के द्वारा Show करता है।  इन Financial Statement का निर्माण सुव्यवस्थित Accounting System द्वारा ही संभव है। Accounting Business की Language है। "Business के Financial Transactions को विधिवत रूप से लिखने एवं Show करने की Process को Accounting कहते हैं।" Accounting का बेस Book-Keeping होता है। Book- Keeping Accounting की Initial Stage है। जहां Book Keeping का कार्य समाप्त होता है वहीं से Accounting Start होता है। Book-Keeping के बिना...