Account Types of accunt and Rules of Accounting
Account, Types of Account and Rules of Dr and Cr
Account:-
किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या आय व्यय से संबंधित जितने भी लेन देन होते है उनको जब किसी एक स्थान पर तिथिवार व नियमित रूप से लिखा जाता है तब उस हिसाब को Account कहते है
जैसे Ram's Account, Machinery Account, Cash Account
Types of account
किसी भी व्यवहार को जमा या नामे में विभाजित करने के पूर्व खातों का वर्गीकरण आवश्यक है।- Personal Accounts
- Real Accounts
- Nominal Accounts
जैसे- कृष्ण, राम, पंजाब नेशनल बैंक , टाटा ब्रदर्स, ग्राम पंचायत , दुग्ध सहकारी समिति आदि।
Real Accounts:- यह वह खाते होते है जो किसी वस्तु या सम्पत्ति से संबंधित होते है इस तरह के खाते वस्तु की उपलब्धता काे प्रदर्शित करते है
जैसे रोकड खाता फर्नीचर खाता मशीन खाता भवन खाता माल खाता क्रय विक्रय वापिसी खाता
Nominal Accounts:- यह वह खाते होते है जिनका संबंध आय-व्यय लाभ या हानि , ब्याज खाता, बट्टा खाता, किराया खाता, कमीशन खाता विज्ञापन खाता आदि। इन खातों को वर्ष के अंत में लाभ-हानि में अंतरित कर बंद कर दिया जाता है इस प्रकार इन खातों की आयु अधिकतर एक वर्ष होती है ये खाते
1 लाभ
2 हानि
3 आय
4 व्यय
5 मिश्रित खाते जैसे चूक खाता (Suspense Account)
Rule of Accounting:-
- जो व्यक्ति पाता है उसके खाते को Dr. (Debit) करो और जो देता है उसके खाते को Cr.(Credit) करो। ("Debit the Receiver and Credit the Giver")
- जो वस्तु आती है उसके खाते को Dr(Debit) करों और जो देता है उसके खाते का Cr.(Credit) करो। ( "Debit What Comes in and Credit What Goes Out")
- व्ययों और हानियों को Dr(Debit)करों और आयों एवं लाभों को Cr.(Credit) करो। ( "Debit all Expenses & losses and credit the incomes and gains.")
Journal:-
Journal Account की प्रारंभिक लेखा पुस्तक है। इसे दैनिक पंजी, रोजमेल, पक्की बही, पंजी, नकल बही आदि नामों से पुकरा जाता है। इसमें स्मारण बही या नोटबुक की सहायता से सौदों का विवरण ज्ञात करके दैनिक रूप से क्रमश: तिथिवार लेखा किया जाता है जहां स्मारक बही या नोट बुक नहीं रखी जाती है वहां इसमें बाउचरों और बिलों की सहायता से सीधे प्रविष्टि की जाती है।
साधारण भाषा में Journal का अर्थ डायरी रखना, दैनिक घटनाओं का ब्यौरा रखना या हिसाब किताब का लेखा करना होता है
1. सबसे पहले Transaction में देखना होता है कि वे कौन से दो खाते है जो प्रभावित हो रहे है।
2. इसके बाद कौन सा खाता किस प्रकार का है। जैसे Personal a/c, Real Account ,Nominal Account
3. इसके बाद Rules of Accounting को Apply कर Account को Debit and Credit करते है।
4. Debit किए जाने वाले खाते को पहले प्रथम पंक्ति में व क्रेडिट किए जाने वाले खाते को बाद में दूसरी पंक्ति में लिखा जाता है
5. इसके बाद ट्रांजैक्शन का नरेशन लिखते हैं नरेशन संक्षिप्त विवरण नरेशन वह संक्षिप्त जानकारी होती है जो प्रत्येक प्रविष्टि के पश्चात सौदे की प्रकृति एवं तत्व को पूर्ण रूप से जाने के लिए प्रविष्टि के नीचे विवरण के कॉलम में लिखा जाता है