Capital and Special Entry Transaction
Capital and Special Entry Transaction
1. Capital of Partners (साझेदारी की पूंजी) :- जब दो या दो अधकि व्यक्तियों का समूह मिलकर व्यापार में अपनी पूंजी लगाता है तो Partners के Capital Account अलग-अलग Open किए जाते है तथा उनके द्वारा Business में लगाई गई Capital उनके Capital Account में Credit (क्रिएट) करते हुए Cash Account (रोकड़ खाता) कुछ धनराशि से Debit (डेबिट) किया जाता है
A) जैसे Ram, Shyam और Rohit ने क्रमशः 10,000 20,000 तथा 30,000 पूंजी लगाकर व्यापार प्रारंभ किया।
इस Transaction की जर्नल इंट्री इस प्रकार होगी-B) Ram Singh ने 40000 रू0 नकद पूंजी से व्यापार आरंभ किया।
इस Transaction की जर्नल इंट्री इस प्रकार होगी-
1. निजी उपयोग हेतु माल या नकद निकालना :- जब कभी व्यापारी को निजी या के लिए रकम या माल की आवश्यकता होती है वह व्यापार से ले लेता है इसका हिसाब रखने के लिए एक खाता खोला जाता है जिसे आहरण खाता कहते हैं निजी व्यय के लिए निकाली गई राशि से इस खाते को डेबिट किया जाता है और राेकड़ व्यापार से जाने के कारण रोकड़ खाते को Credit किया जाता है
जैसे निजी उपयोग के लिए 40000 रू0 निकाले।
कभी-कभी नकदी के बजाय वस्तु व्यापार से निजी प्रयोग के लिए ले ली जाती है ऐसी दशा में आहरण (Drawing a/c ) खाता Debit और क्रय खाता क्रिएट किया जाता है क्योंकि माल से निकालने से क्रय कम हो जाता है क्रय खाते को लागत मूल से ही क्रिएट किया जाता है बाजार मूल्य से नहीं
यदि निजी उपयोग हेतु नगद राशि न लेकर चेक से या बैंक से राशि आहरित की जाती है तो प्रविष्टि होगी